कुछ तो है तुममें
कुछ तो है तुममें
कुछ तो है तुममें ऐसा
जो होना चाहिए था
तुम्हारे लिये।
यकीनन तुम वही ढूंढ रहे हो
दुनिया में
जो तुम्हारे पास है।
एक दिन प्रवेश किया मैंने
तुम्हारे आंख के संसार में
जाने कितनी खूबसूरत
छवियों का समुच्चय है
और तुम्हारे प्रेम में डुबा मैं
हर छवि को निरखता हुआ पाता हूँ
अपने आप को तुम्हारी आंख में।
पहले बहुत सोचा
क्या करूँ तुम्हारा, और तुम्हारी आँखों का
फिर बसा लिया तुम्हें
अपनी आंख में
अब जब भी तुम्हारी याद आती है
आंखे बंद कर देख लिया करता हूँ
तुमको,और टहलने लगता हूँ
तुम्हारी आँखों के समुन्दर में।