STORYMIRROR

Surendra kumar singh

Romance

3  

Surendra kumar singh

Romance

कुछ तो है तुममें

कुछ तो है तुममें

1 min
278


कुछ तो है तुममें ऐसा

जो होना चाहिए था

तुम्हारे लिये।

यकीनन तुम वही ढूंढ रहे हो

दुनिया में

जो तुम्हारे पास है।


एक दिन प्रवेश किया मैंने

तुम्हारे आंख के संसार में

जाने कितनी खूबसूरत

छवियों का समुच्चय है

और तुम्हारे प्रेम में डुबा मैं


हर छवि को निरखता हुआ पाता हूँ

अपने आप को तुम्हारी आंख में।

पहले बहुत सोचा

क्या करूँ तुम्हारा, और तुम्हारी आँखों का

फिर बसा लिया तुम्हें

अपनी आंख में


अब जब भी तुम्हारी याद आती है

आंखे बंद कर देख लिया करता हूँ

तुमको,और टहलने लगता हूँ

तुम्हारी आँखों के समुन्दर में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance