कुछ कदम साथ चलें...
कुछ कदम साथ चलें...
बांधा मैने दिल से तुम्हारे दिल को,
पर था तुम्हारा भी उसमें हाथ कुछ,
साथ चलने का करा था तुमने वादा,
तो क्यों न कुछ कदम साथ चलें,
हार जाऊं कही अगर मैं,
तो रहोगे संग तुम साथ मेरे,
और हार जाओ अगर तुम कहीं,
तो कुछ कदम फिर साथ चलेंगे हम,
छोटा सी दुनिया में सुंदर सा महल होगा,
जहां तुम्हारी और मेरी खुशियो का राज होगा,
हमारा फैसला हमारे रिश्तों को स
ंवारेगा,
और हम फिर कुछ कदम साथ चलेंगे,
जब हाथ पैरो में तकलीफ़ आएगी,
जब तुम्हारी आंखों में धुंधली चादर छाएगी,
तब भी तुम्हारा हाथ मेरे हाथों में होगा,
और हम फिर कुछ कदम साथ चलेंगे,
जब आखिरी सांसों में तुम्हारा नाम मेरे जुंबा पर होगा,
तब साथ वाली बिस्तर पर तो तुम्हारा साथ होगा,
बेशक तुम कुछ कहना नहीं पर हाथ में मेरा ही हाथ होगा,
तो बस कहने के लिए कह देना फिर कुछ कदम साथ चलें।