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Brajesh Bharti

Romance

4.5  

Brajesh Bharti

Romance

कुछ हूं भी या नहीं

कुछ हूं भी या नहीं

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मुझे नहीं पता मै तुम्हारे लिए क्या हूं

कुछ हूं भी या नहीं हूं


पर तुम्हे सोचना अच्छा लगता है

तुम्हें चाहना अच्छा लगता है 

देख के खुश तुमको मुझे भी ख़ुशी होती है

पर तुम साथ नहीं तो ये आंख रोती है


मुझे नहीं पता कि प्यार के तुम्हारे लायक हू की नहीं 

पर यार सच्ची बताऊं दिल से मै प्यार करती हूं

तुमसे थोड़ी सी ही तो मांग करती हूं 

थोड़े से वक्त की ही तो चाह रखतीं हूं


 खैर छोड़ो ये सब बात

 खुश रहना तुम हर हाल 


 जो चाहो हर ख्वाब तुम्हारा पूरा हो 

 ये धरती ये आसमान तुम्हारा हो

 याद रखना मेरी एक बात 

 दुनिया में जब ना दे कोई साथ 

 बस एक बार मुझे जरूर पुकारना 


खुदा ना करे तुम्हे कभी मेरी जरूरत हो

तुम्हारा हर सपना हर ख्वाब पूरा हो

इस खास दिन बस मै ये कहना चाहती हूं 

हा बुरी हूं थोड़ी मै मानती हूं

माफ करना जो इतना किया परेशान 

तुम जहा भी रहना खुश रहना मेरे यार!


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