STORYMIRROR

Brajesh Bharti

Abstract Tragedy Inspirational

4  

Brajesh Bharti

Abstract Tragedy Inspirational

हिंदुस्तान हमारा

हिंदुस्तान हमारा

1 min
122

खुशी के आगे कुछ ना हमरा

जिनको जरूरत पड़े उनका बनो सहारा

फिर बोली हिंदुस्तान हमारा

क्यूंकि जिंदगी बस एक ही मिलती है यारा


रोते हुए को हसाना सिखाओ

सबको एक सम्मान समझ के गले लगाओ

अपने बारे में तो हर दिन सोचते हों

कभी ये अपनापन किसी और के लिए जगाओ


फोटो ले के डालते हो फेकबुक और इंस्टा पर

क्या इससे कुछ फर्क पड़ता है तुम्हारी परिस्थिति पर

कुछ ऐसा करो की लोग तुम्हे याद करे

होठों पे मुस्कान हो और तुम्हारा सम्मान करे

 

गरीबों के देने से तुम्हारा कुछ काम ना होगा

दिल को मिलेगी सुकून कभी कोई गम ना होगा

फिर मिलके हम बोलेंगे ये हिंदुस्तान हमारा

क्युकी जिंदगी बस एक दिन ही मिलती है यारा


वतन के वास्ते जीना सीखो

बुद्धिजीवी के आगे झुकना सीखो

अंहकार तो मृत्यु को भी नहीं होता कभी

फिर अपने अंहकार को छोड़ सत्य के साथ जीना सीखो


कुछ को फांसी कुछ को गोली नसीब हुआ

तब जा के तुम्हे ये आज़ादी नसीब हुआ

तुमसे है है ये वतन गद्दारी ना होगा गंवारा

क्यूंकि हम हक से बोलेंगे ये हिंदुस्तान हमरा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract