STORYMIRROR

Sonam Kewat

Tragedy Action

4  

Sonam Kewat

Tragedy Action

कुछ दूरियाँ खल रहीं हैं

कुछ दूरियाँ खल रहीं हैं

1 min
47

यादें हैं जो दिल में मचल रही हैं

हां कुछ दूरियां अब हमें खल रही है 


बड़े अरसों बाद याद आए हो क्योंकि 

यादों से दूर करना थोड़ा मुश्किल है 

निकाल दिया था तुम्हें जहन से पर

यादों में थोड़ा बचा हुआ ये दिल है 


तमाचे जड़े थे उसने दिल पर मेरे 

जिसके निशान अभी गए नहीं है 

वो अपनाने से हिचकता रहा पर 

लगता था कि वो पराए नहीं है 


अब हम इंतकाम की नहीं सोचते हैं 

सब कुछ वक्त पर छोड़ रखा है 

नतीजा कभी सामने आएगा क्योंकि 

वहां तो सारा हिसाब लिखा है 


गलती तुम से जरूर हुई होगी पर 

कुछ कुसूर मेरे भी दिल से हुआ था 

क्योंकि जब तुम्हें सिर्फ चाहत थी

तब इस दिल को प्यार हुआ था 


अब तुम्हारी दूरियों का एहसास नहीं, 

बस खुद से दूरियाँ खल रही है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy