कर्तव्यपरायण धनुर्धर
कर्तव्यपरायण धनुर्धर
सदैव अमर भारत माॅ॑ के लाल को, भारत करे प्रणाम !
चंद्रशेखर आज़ाद हुए सारे भव बंधन त्याग कर !!
आजादी के लिए लड़ते रहे, कर्तव्य धनु धार कर !
इंकलाब जिंदाबाद कहते रहे, शौर्य वाक् टंकार कर !!
अंग्रेजों को ललकारते रहे, महाकाल सा अवतार धर !
अग्निपथ पर बढ़ते रहे, भारत माता की जय कार कर !!
क्रांतिकारियों के दग्ध उर में, अटल स्वतंत्रता का संचार कर !
गद्दार से भेद पा कर, नाॅट बोव
र खुश था आजाद को घेर कर !!
पर जो जन्म से आजाद था, रहना जिसे अटल आजाद था !
उस आजाद की गोली भी आजाद थी, आजाद को आजाद कर !!
जिसने मौत से आँखें मिलाकर, मूक स्वयं को चिर सुला लिया!
गोरों का छीन कर चैन, माॅ॑ भारती पर सब कुछ वार दिया !!
धन्य धन्य जगरानी सीताराम जी, धन्य बदरका भाबरा धाम !
सदैव रहे अमर भारत माता के लाल को भारत करे प्रणाम !!