कृपया ध्यान दें... !!!
कृपया ध्यान दें... !!!
अगर आपका आत्मसम्मान ज़िंदा है,
तो कभी अपनी इस नायाब ज़िन्दगी में
उच्चासन पर विराजमान किसी भी
अहंकारी व्यक्ति की खुशामदी, चमचागीरी और बेसिरपैर जी हुज़ूरी न करें...!
क्योंकि ऐसा करने पर वो व्यक्ति
(जिसे आप वक्त-बेवक्त गैरज़रूरी तौर पर
तवज्जोह देते नहीं थकते),
आपकी कद्र करना छोड़ देगा
और गौरतलब है कि आपकी हालत
धोबी के गधे-सा 'न घर का, न घाट का'
बन के रह जाएगी...!
क्या तब आप सगर्व अपनी बात रख पाएंगे?
कतई नहीं !
क्योंकि उस हालत में आप अपना असली पहचान ही खो चुके होंगे...।
अगर आप ऐसा सोचते हैं कि
उच्चासन पर बैठे हुए
'वो तथाकथित सुविधावादी लोग'
आपकी परेशानियों एवं मजबूरी को समझेंगे,
तो आप बिलकुल गलत सोचते हैं !!!
इसलिए आप अपना स्वाभिमान जाग्रत करें
एवं स्वयं को भी पूर्ण सम्मान दें।
आप झुके नहीं ! आप रुके नहीं !
बस आप अपना आत्मसम्मान बचाए रखें...।
