कर पाओगे क्या?
कर पाओगे क्या?
तुमने कहा कि चांद तारे तोड़ लाओगे मेरे लिए ,
चांद तारे नहीं चाहिए मुझे ।
कुछ छोटी-छोटी ख्वाहिशें है बस ,
सुनो पूरी कर पाओगे क्या ?
क्या करना है महंगे तोहफों का,
रास नहीं आते मुझे ।
चांदी की पायल अपने हाथों से मुझे पहनाओगे क्या ?
डिस्को ,पब का शोर सुहाता नहीं मुझको ,
चिड़ियों की चहक और झरनों की कल - कल मेरे साथ सुन पाओगे क्या ?
कीमती घड़ी कसती है कलाई पर ,
घड़ी ना देना ,पर अपने कीमती वक्त में से चुराकर कुछ लम्हे दे पाओगे क्या ?
पिज़्ज़ा ,बर्गर ,फास्ट -फूड की शौकीन नहीं मैं ,
एक घूँट कुल्हड़ वाली चाय की मेरे साथ ले पाओगे क्या ?
भीड़ भाड़ में दम घुटता है ,
सुनो ,
पहाड़ों की शांत वादियों का सुकून ,मेरे साथ महसूस कर पाओगे क्या ?
नहीं छिपना मेकअप की परतों में मुझे ,
एक छोटी सी बिंदी और आंखों में काजल ।
बस इसी में मेरी खूबसूरती देख पाओगे क्या ?
किसी दिन लॉन्ग ड्राइव को छोड़कर ,
हाथों में हाथ डालकर लॉन्ग वॉक पर चल पाओगे क्या ?
इतनी बड़ी दुनिया में हम भी इतने बड़े हो गए ,
की मासूमियत पीछे छूट गई ।
कभी गुब्बारों ,कभी पतंगों ,कभी बर्फ के गोले से , वो मासूमियत फिर से लौटा पाओगे क्या ?
ई-मेल और इंस्टाग्राम के जमाने में ,
मेरे भेजे गुलाबी खत पढ़ पाओगे क्या ?
उन खातों का जवाब उसी लहजे में दे पाओगे क्या ?
नकली लाइट्स की चकाचौंध से दूर कहीं ,चांदनी रात में ,
मेरे साथ बैठकर तारों की चमक देख पाओगे क्या ?
मैं तुम्हारे साथ रैप और पॉप सुनूंगी ,
तुम भी मेरे साथ गीत ग़ज़ल सुन पाओगे क्या ?
तुमसे आज तक रूठी नहीं मैं ,
कभी झूठ - मुठ का रूठ भी गई ,
तो सचमुच वाला बना पाओगे क्या ?
चांद तारे नहीं चाहिए मुझे ,
ये कुछ छोटी-छोटी ख्वाहिशें है ।
सुनो ,पूरा कर पाओगे क्या ?