कर लेना कुछ ऐसा
कर लेना कुछ ऐसा
कर लेना कुछ ऐसा ज़िंदगी में जो तुझको भी
अच्छा लगे जीता रहा औरों की खातिर जी
ले ज़रा तू खुद के लिए कोई बहाना मिले तो
कहना हम भी समझे कुछ ज़रा तुझे अपनी
ख्वाहिश अपने सपने ना बिसराना तू किसी
के लिए, छोटी छोटी खुशियां तेरी ना समझेगा
कोई तुझसे अच्छे हाथ दूसरों सौंप ना देना
अपनी कमियाँ अपने किस्से कड़ी धूप को
हंसकर सहना आखिर मिलेगी छाँव तुझे कभी
अनाड़ी नहीं रहोगे वक़्त को जो संग ले के चले
आज लड़खड़ाते कदमों को भले सहारा मांग
मिले मगर कल को वो आये एक दिन जब तेरे
कदमों पर ये जहां चले।