नई शुरुआत,,
नई शुरुआत,,
कर रहा हूं ज़िंदगी की आज नई शुरुआत मैं
निकल पड़ा हूं मैं घर से अपने खाली हाथ
कुछ उम्मीदें ले साथ में,हमें नहीं कोई परवाह
किसी की कोई देना दे फिर अपना साथ हमें
खुद के ही दम पर बनायेगें,हम अपनी हस्ती
अपनी पहचान नई चाहे मुश्किल हो भरीं राहें,
पीछे ना कभी हम मुड़कर देखेंगे हमें मुड़ना
बिल्कुल शौक नहीं,बिन हारे करें इस हार को
महसूस इतने भी हम कमज़ोर नहीं,ये हौसले
हमारे हैं बुलंदी पर इनको तोड़ना अब आसान
नहीं,चलते हि चलते बस हमें जाना चाहे हो
मंज़िल भले हि कितनी दूर सही हम शोक मना
कर कभी घर ना बैठेगें चाहे जैसे हों हालात कभी ।
