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Sandeep Panwar

Tragedy Inspirational

3.4  

Sandeep Panwar

Tragedy Inspirational

कोरोना महामारी

कोरोना महामारी

1 min
199


तू बैठ थोड़ा शांत और सब्र कर 

खुद को देख घर के बाहर तो फ़िक्र कर,

अगर तुझमें सब्र नहीं तो कर्म ही कर

पर तू बैठ थोड़ा शांत और सब्र कर,


सैलाब में फंसी है इंसानियत अपनी

तू दे अपना हाथ और फक्र कर,

जो भी रंग की तुझे तालीम मिली है 

उस रंग को भूल इंसानियत देख और कर्म कर

तू बैठ थोड़ा शांत और सब्र कर,


तू क्यूँ चाहता है अपनो को खोना 

तू क्यूँ चाहता है खुद को खोना 

तू अंधा नहीं मूर्ख भी नहीं

तू ऐसे न नादान बन 

तू बैठ थोड़ा शांत और सब्र कर 


मैंने देखा है जो बाहर लाल है 

वो आग नहीं, अपने है किसी के

उस लाल की तू मिसाल ना बन

तू बैठ थोड़ा शांत और सब्र कर,


जो बैठे है आज लाशों के मंच पर 

तू उनकी बारी का इंतजार कर 

इंसानियत की फिक्र कर

खुद की फ़िक्र कर

और बैठ थोड़ा शांत सब्र कर...



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