प्यार ए जख्म
प्यार ए जख्म
राह ए जिंदगी में
जान ए जहां तुम
प्यार ए जख्म दे जाती हो
जब भी बात आती है
इक हँसी की
बड़े प्यार से प्यार ए हँसी में
हजार ए जख्म दे जाती हो
राह ए जिंदगी में
जान ए जहां तुम
प्यार ए जख्म दे जाती हो,
चलते हो साथ मेरे
पर कही एक मोड़ पर
सर्दी की सुबह जैसे
धुंध बन कही उड़ जाती हो
राह ए जिंदगी में
जान ए जहां तुम
प्यार ए जख्म दे जाती हो,
उम्र के खेल में
प्यार ए सौगात दे जाती हो
मालूम नही ये दिल है
य खिलोना मेरे हम नावां का
प्यार ए खेल में खेल के
जिंदगी ए खेल सीखा जाती हो
बड़े जुल्मी हो तुम
राह ए जिंदगी में
जान ए जहां तुम
प्यार ए जख्म दे जाती हो।