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Sandeep Panwar

Tragedy

3  

Sandeep Panwar

Tragedy

महामारी एक मौत

महामारी एक मौत

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ये जो इन दिनों आँच आयी है 

सर जमीं ए हिंद पर 

याद रखी जाएगी,

जलती इंसानियत के अंगारो 

की चटक से निकलती हर हाय 

जब तक कहर बनके नहीं बरसेगी 

याद रखी जाएगी,

यू बे वजहा राख होना भी

तोहिन-ए-खुदा है

यू समय से पहले 

रुख्सत होना भी तोहिन-ए-खुदा है,

ये जो राख फिर उडेगी 

तो सूरज की दहकती हर तपीश थमेगी 

वो हिसाब मांगेगी अपने 

हर आशियाने का

जो फिर दहक उठेगी तो 

कहर बनके बरसेगी...


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