जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
कुछ धुंधली सी तसवीरें थी
जो है दिल के बहुत करीब,
मेरी रात मे मेरी सास मे
तेरी याद थी एक आस थी
तू साथ है मेरे पास है।
पर जिंदगी की दौड़ में
जानें जहां तुम बड़े अजनबी निकले
जैसे रेत सा हूँ मै
और हवा से तुम निकले,
जाने जहां जिंदगी की दौड़ में
तुम तो बड़े अजनबी निकले।
जब भी एक आस लिए
बेमेल लिवास लिए
तुम्हारी गली से जो गुजरे
याद-ए-समंदर की
प्यार-ए-उस गली से
हम खाली हाथ ही निकले,
मेरी खुशहाल-ए-जिंदगी में
प्यार-ए-चिराग जलाके
तुम ऐसे निकले
जैसे रात-ए-खयालात में
गुले हसीं सा कोई ख्वाब हो
वैसे निकले,
वक्त की साख पर
जब जब मैंने तुम्हे देखा
तुम में तुम नही देखा
जैसे चेहरे पर चेहरो का
बीमार-ए-दिल देखा,
तुम्हें भूल जाने को जी
बहुत चाहता है,
पर भूल जाना जरूरी तो नहीं
कुछ धुंधली सी तस्वीरें बाकी है
अभी मुझमें।