कोरोना की कहानी आओ सुनाऊँ ..
कोरोना की कहानी आओ सुनाऊँ ..
आओ सुनाऊँ ........
तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की ,
कोई देश तब बच ना सका ,
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी।
आओ सुनाऊं ......तुम्हें कहानी।
ऐसे महा विनाश की ,
छूने से ही फैल गया ,
एक देश से दूसरे देश गया ।
लाखों को ही मार गया।
भय का कर ,ऐसा संचार किया।
जीवन पर ऐसा वार किया।
उस रक्तबीज कोरोना ने हर कहीं संहार किया ।
अर्थव्यवस्था पर घात किया ।
धर्म भी ना बच सका इससे,
इंसानियत पर ऐसा आघात किया।
आओ सुनाऊं .......... तुम्हें कहानी ,
ऐसे महाविनाश की ,कोई देश बच ना सका।
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी ।
लोगों को घर में बंद किया ।
गरीबों को बेघर किया ।
खड़ी फसल सड़ गई खेतों में,
मेहनत को ऐसा बेरंग किया ।
आओ सुनाऊं..... तुम्हें कहानी ।
ऐसे महाविनाश की,
कोई देश तब बच ना सका ।
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी।
डर कर दुनिया ठिठक गई
चार -दिवारी में सिमट गई।
अर्थव्यवस्था की गाड़ी,
पहियों पर ही जकड़ गई।
फिर लॉकडाउन और कर्फ्यू का दौर चला।
हाथ धोयें बार-बार का शोर चला।
मोदी जी ने मन की बात रखी।
देश को कोरोना से बचाने की बात रखी ।
विदेशों में जब,
लोगों ने,
घरों पर रहकर घंटियां बजाई ।
मोदी जी ने पूरे देश से थालियां पिटवाई।
बहुत अनोखी बात थी ।
घर में बंद डरी हुई जनता के लिए
उमंग की नई बात थी ।
सब ने थालियां बजाई।
"विकास" लाने से पहले
" कोरोना "आ गया।
वाह री दुनिया यह वायरस बनाने का,
क्या......मन में आ गया।