कोरोना का कहर
कोरोना का कहर
निकला यह बुहान से सुरु हुया जब मरना
चीन ने तब नाम दिया कोविद -१९ कोरोना
बड़ा ही घातक मर्ज है ये सर्दी,खाशी, बुखार का
हालत खराव कर देता है किसी भी बीमार का
बरी तेजी से फैला, मचने लगा आतंक
इसके चपेट से बचा नहीं क्या राजा क्या रंक
१६५ देशो में फ़ैल गया इतनी बरी इसकी अभिलाषा
सक के घेरे में दाल दिया जो भी कही चिंका या खासा
भारत भी अछूता, नहीं इसके भी इसने मारे है
अच्छे अछे अच्छेचो की बैंड बजा दी दिन में दिख गए तारे है
२१ दिनों की लॉक डाउन भी कहा है रोका
अब तो मजदूर भी चल पड़े
मिला गया इसको मौका
सरकारों की पैरो तले खिसक रही जमीं है
लोगो का यह बाढ़ देख कर उड़ गई इनकी नींद है
भूखे लोग पैसे के लाने गाओ का रुख क्यूँ कर रहे
जब सरकारों ने दवा किया की खाना पीना हम भर रहे
लोग भी क्या नहीं समझते पी ऍम के अपील पे
क्यूँ ये सेंध मरी सरकारों के सील पे
मैं इमरान बड़ा दुखी हूँ किसको मैं इल्जाम दूँ
कौन सही और कौन गलत किसका मैं नाम लूँ।
इस कठिन हालत में क्यूँ न मिल जूल कर काम करे
एक दूसरे की हिफाजत क्यूँ न खुद आवाम करे।