कोई पूछे....
कोई पूछे....


बर्बादी की कगार पर खड़ा हमारा देश
नेता ऐ.सी में सो रहे वहां खतरे में सिंदूर
१२ करोड़ बेरोजगार उनको क्या फिक्र
संसद में खाली लड़ने की सैलरी है फिक्स
शहीदों की चिताओं पर दो आँसू बहा आये
लगता है जैसे यही सीमा पर लड़ आये
पुलिस कांस्टेबल को लट्ठ थमाकर
कहते हैं करो सुरक्षा! कोई पूछे!
Ak47 के युग में कौन लट्ठ से डरता है
आपके पीछे तो जैडप्लस जत्था चलता है
गाँवों में झोलाछाप चाँदी काट रहें हैं
ग़रीब एम्स में बस नम्बर ताकते खड़े हैं
आज सरकारी डाक्टर भी प्राइवेट देखता है
बहुधा ब्लडबैकों में वर्षों से ताला लटका है
उनको चुनाव, चुनाव बस चुनाव जीतना है
सबको लॉलीपॉप देकर बस वक्त काटना है
देश का कानून रेप पर पक्षपाती हो गया
छोटी उम्र पर मेहरबान, बड़ी को निगल गया।
चारों स्तम्भ कमजोर हर महकमा सुलग रहा
भ्रष्टाचार अपने मुँह में हर किसी को गटक रहा।