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Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

कोई भूल

कोई भूल

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भूल हो गई हो तो मुझे तुम

माफ़ कर देना


आईने पर लगी हुई धूल,

तुम साफ कर देना


में तो एक पत्थर हूं,

गर ठोकर लग गई हो,

मुझे तुम क्षमा कर देना


मैं बड़ा ही बदसूरत हूं

न बन सका मैं

किसी मंदिर की मूरत हूं,


अपने पवित्र प्रेम से इस पर

निशां तुम कर देना।


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