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Deepika Das

Tragedy

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Deepika Das

Tragedy

कन्या भ्रूणहत्या

कन्या भ्रूणहत्या

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पूछ रही कोख में पल रही नन्ही सी जान,

क्या इतनी महंगी है एक मुस्कान?

क्या लड़की होना कुसूर है मेरा?

या ऐसी दुनिया में आना दुर्भाग्य है मेरा।

जो दुनिया की ख़ूबसूरती देखने से पहले,

मौत के घाट उतार मुझको छीन गए मेरे प्राण।

बेटों के लिए मंदिर में मन्नत मांगे जाते,

और बेकुसूर बेटियों को दुनिया में लाने से भी घबराते।

बेटों की लंबी आयु के लिए हवन और पूजा करवायी जाती,

और बेटियां उसी हवन की अग्नि में झोंक दी जाती।

इंसान को क्यों समझ नहीं आता,

संतान तो संतान होती है।

चाहे बेटा हो या बेटी,

दो लोगों के प्यार की निशानी होती है।

             


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