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Deepika Das

Fantasy

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Deepika Das

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कैसी मोहब्बत है

कैसी मोहब्बत है

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यूं तन्हा ना छोड़ा करो इस दिल को

एक अलग सी मोहब्बत हो गई है तुमसे

कुछ पल साथ बिता लो हमारे

कुछ शिकायतें करनी है तुमसे


तेरे लिए मैंने सारे ख्वाब छोड़ दिए

अपनों के दिल भी तोड़ दिए

जब दिल को जरूरत थी सबसे ज्यादा

तूने ही सबसे पहले मुंह मोड़ लिए


किससे कहूं ये सारी बातें 

तेरा होना तो बस एक राज़ है

जो रह जाती है हलक में अटक कर

तू तो बस दिल की एक ऐसी आवाज है


कितना हसीन था वो लम्हा 

जब दूर होकर भी हम पास थे

करीब एक दूजे के तब भी नहीं थे हम

पर हर लम्हा साथ होने के जज़्बात थे


प्यार का सही मतलब तूने बताया था

प्यार में हक़ जताना भी सिखाया था

फिर क्यों जरूरत है आज लफ़्ज़ों की

एक दूजे को समझने के लिए


क्यूं जरूरत महसूस नहीं होती तुम्हारी

इस दिल की धड़कनों के लिए

क्या हुई ऐसी खता वक़्त मिले तो सोचना ज़रूर

जो हम हो गए एक दूजे से इतने दूर।


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