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Kuldeep kaushik

Romance

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Kuldeep kaushik

Romance

कमाल करती है

कमाल करती है

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प्यार में मजबूर करके, वादा करने का सवाल करती है

मेरी जान-ए-मन भी, कभी कभी कमाल करती है!!

वचन किया है मैंने, मरने तक मैं ही निभाउंगा, पर..

उसका फर्ज भी बनता होगा कुछ, क्या कभी ख्याल करती है!!

कसमें, वादे सोच समझ कर खर्च करवाया करें मोहतरमा,

विश्वास टूटने पर जब कसमें टूटती है, जीना मुहाल करती है!!

हम से मांगो मोहब्बत की मिसालें, तो जानोगे,

"सिर्फ हमें चाहो" से ज्यादा मांगी है, तेरी खुशी की दुआ, क्यूँकि तेरी मुस्कुराहट, खुश हमें बेमिसाल करती है!!

प्यार में मजबूर करके, वादा करने का सवाल करती है

मेरी जान-ए-मन भी, कभी कभी कमाल करती है!


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