एक लोरी ऐसी सुना दूं
एक लोरी ऐसी सुना दूं
आपकी हर बात पलकों पे सजा दूँ, खिलखिला दो आप कुछ ऐसा मजा दूँ!!
एक बार फिर सूकून सो जाओ आप, आज एक लोरी ऐसी सुना दूँ!!
याद दिला दूँ आपको खुशियों की सौगातें, चैऩ की नींद से बीते आपकी सारी रातें,
थिरके आपकी मुस्कुराहट, धुन ऐसी कोई बजा दूँ, आज एक लोरी ऐसी सुना दूँ!!
सच होती रहे आपके दिल की हर बात, खुशनूमा हो जायें सारे आपके ख़यालात!!
लबों पे हसीं रहे सोते हुए भी, कोई वेसी वजह दूँ, आज एक लोरी ऐसी सुना दूँ!- दीप

