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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract Inspirational

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract Inspirational

कलम

कलम

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विभिन्न रंगों की हलाहल पीये रहती हूँ !

जो जैसा मुझे कहता है मैं मदमस्त हुए उनकी ही बातें सुनती हूँ !!

जिस रंग से जो लिखना चाहे उस रंग से मैं लिख लेती हूँ !

जिस रूप में ढालो तुम मुझको मैं वैसे ही बन जाती हूँ !!

खुशियों की बातें लिख डालो या प्रियतम को खत लिख दो !

कविता, लेख, साहित्य की रचना और प्रशस्ति को लिख दो !!

लिखवा लो कुछ भी मुझसे मैं कहना सब की मानूँगी !

अर्पण सब कुछ कर दिया मैंने स्वामी को पहचानूँगी !!

राजा के हाथों में पड़कर रानी मैं बन जाती हूँ !

रंकों के हाथों में पड़कर निःशब्द बन अकुलाती हूँ

समय -समय पर यह छोटी हो कर अपना रूप दिखाती है !

सब रंगों की मिश्रित देवी "कलम" सदा कहलाती है !!


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