तुम ही तो वो साथी हो जो हवा कि तरह मेरे संग गुनगुनाते हो। तुम ही तो वो साथी हो जो हवा कि तरह मेरे संग गुनगुनाते हो।
ना कोई सुनने वाला है ! ना कोई पढ़ने वाला है !! ना कोई सुनने वाला है ! ना कोई पढ़ने वाला है !!
साँसों में जो बसती हैं क्या वो खुशबू हो तुम साँसों में जो बसती हैं क्या वो खुशबू हो तुम
मेरी कलम वो आज ख़ामोश है मेरी क़लम वो आज ख़ामोश है। मेरी कलम वो आज ख़ामोश है मेरी क़लम वो आज ख़ामोश है।
वो किसी और की भी जरूरत थे । हम निशब्द खड़े रह गए !! वो किसी और की भी जरूरत थे । हम निशब्द खड़े रह गए !!
पर हां हमारी शक्सियत से तो, अब वो निशब्द खड़े रह गए ! पर हां हमारी शक्सियत से तो, अब वो निशब्द खड़े रह गए !