मौन शब्द
मौन शब्द
निशब्द होकर भी
कितनी बातें कर लेते हो,
रख देते हो शर्तें
अपनी बातें मनवाने की।
कभी रूठने की
कभी मनाने की,
कभी न थमने की ज़िद
पर अड़ जाने की।
कभी फफक कर
बिखर जाते हो,
कभी बस आँखों में
भर जाते हो।
मैं चाह कर भी
भुला नहीं सकती
तुमको,
तुम ही तो
वो साथी हो
जो हवा कि तरह
मेरे संग गुनगुनाते हो।।