"कलम थमाई हाथ"।
"कलम थमाई हाथ"।
पढ़ लिखकर अफसर बनी, रही गुलामी साथ।
घूंघट लंबा कर लिया, कलम थमाई हाथ।
कलम थमाई हाथ, धर्म की पहनी चादर।
कसम बाबा खाई, गिरा रही शिक्षा आदर।
कह 'जय' कर अब ख्याल, संभल कर तू शिखर चढ़।
अंधविश्वास न छोड़, खूब आगे बढ़कर पढ़।