कलाकार
कलाकार
ख़्वाबों की दुनिया का एक कलाकार बनना है
मुझे खुद के अरमानों को पंख लगाकर चुनना है
नील गगन का चोगा ओढ़ जाना है तारों के नगर
खोजना है उलझी पहेलियों की सुलझी हुई डगर,
आंखें मलते बाहें फैलाए नंगे पांव चलना है
मुझे ख़्वाबों की दुनिया का एक कलाकार बनना है।
पंख लगा कर उड़ना है जाना चंदा मामा के पार
ढूंढ़ना है हर सवाल और कश्मकश का एक सार,
बादलों की गहराइयों में भी तो गोता लगाना है
मुझे ख़्वाबों की दुनिया का एक कलाकार बनना है।
समंदर की विशालता और शालीनता को अपनाना
छलक कर गिरी मोती सी बूंदों का क्या पैमाना,
सुबह की धूप सा मुझे फूलों पर बिखरना है
मुझे ख़्वाबों की दुनिया का एक कलाकार बनना है।
सांझ के रंगो से रंगी ये हसीं हसरतें होगी
ढलते सूरज की किरणों को सुबह की जरूरत होगी
आसमान से तारों को लाकर अपनी जेब में भरना है
मुझे ख़्वाबों की दुनिया का एक कलाकार बनना है।
गर ये ख़्वाबों की दुनिया सच होती तो क्या होता
ना रुकावटें होती ना उलझनों का विस्तार होता, इसलिए
ज़िन्दगी की हर धड़कन को अब तो खुल कर सुनना है
मुझे खुद के अरमानों को पंख लगाकर चुनना है
मुझे ख़्वाबों की दुनिया का एक कलाकार बनना है।