कलाकार
कलाकार
मैं एक कलाकार हूँ
अपने सपनों में रंग भर
कैनवस पर बिखेर देती हूँ......
ये चित्र कुछ बोलते हैं
समझ पाता वो
जो गोतें लगाता है.......
हाँ मैं एक कलाकार हूँ
ढूंढ रही हूँ
वो चित्र झंकझोर दे जो
मन में बजते वीणा के तार......
बना दे मन के बून्द को
अथाह समुद्र सा......
डूब कर उनमें
खो जाऊँ सीपियों में
पड़ी बून्द सी
पल में मोती बनने को
आतुर जो हर पल......
