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सीमा शर्मा सृजिता

Classics Inspirational

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सीमा शर्मा सृजिता

Classics Inspirational

किताब

किताब

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तुम मुझसे मिलने आओ तो तोहफे लाना 

और तोहफे में लाना किताबें 

मैं पढूंगी अमृता प्रीतम 

और करूंगी तुमसे प्यार 

बेहद - बेहद प्यार 


मिलन की पहली रात भी 

जब तुम उठाओगे घूंघट 

देना मुझे तोहफा 

और तोहफे में देना किताब 

मैं पढूंगी कमला दास 

बदले तुम्हें अपनी रूह दूंगी 


तुम्हारे साथ मैं बसाऊंगी

सुन्दर सा घर 

उसे सजाऊंगी किताबों से 

जब तुम दफ्तर जाओगे 

मैं नहीं करूंगी तुम्हारा इंतजार

मैं पढूंगी कोई किताब 


मेरा जन्मदिन हो 

या शादी की सालगिरह 

या कोई तीज -त्यौहार 

तुम देते रहना मुझे तोहफे 

और तोहफे में किताब 

हर बार नई किताब 


यूहीं कभी राह से गुजरते 

तुम्हें नजर आये मोगरे का गजरा 

मन भाये उसकी मनमोहक खुशबु 

और तुम सोचो घर जाकर

सजाओगे मेरे बालों में 

तो बेझिझिक ले आना 


लेकिन पहले ढूढंना वो दुकान 

जहां मिल जाये 

महादेवी वर्मा की कोई किताब 

वे मुझे अति प्रिय हैं 

तुम्हारे गजरे से महकेगा मेरा तन

और किताब से चहकेगा मेरा मन


मुझे प्रेम करने से ज्यादा 

तुम्हें करना होगा प्रेम 

इस सच से कि 

मेरा पहला प्यार हैं किताबें 

जब तुम मेरी किताबों से प्रेम करोगे 

मैं तुमसे प्रेम करूंगी 


इतना प्रेम करूंगी कि 

एक दिन लिखूंगी किताब

हमारे प्रेम की किताब 

फिर एक दिन 

तुम मुझे एक और तोहफा देना 

तुम पढ़ना वो किताब ......


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