किस्मत क्या होती है
किस्मत क्या होती है
एक औरत खड़ी चौराहे रोती है,
पूछ रही है किस्मत क्या होती है ?
बेपनाह कष्ट मिले आगे बढ़ रही,
आओ दर्द सताओ, तुम्हें चुनौती है।।
एक भाई बन गया अधिकारी है,
दूजा मजबूरी में बना व्यापारी है।
आपस में चर्चा कर रहे मिलकर,
जग में किस्मत भी क्या होती है।।
एक पिता के दो बेटे, ढंग है न्यारा,
एक को लोग कम चाहे दूजा प्यारा।
किस्मत क्या होती है, सोचकर हारा,
किस्मत क्या करवाये दोष ना हमारा।।
किस्मत अच्छी सब काम बन जाते,
किस्मत अगर बुरी काम बिगड़ जाए।
आज बुरे दिन होते कल अच्छे आये,
बहुत जन किस्मत को दोष लगाये।।
लाभ और हानि चक्कर चलता जगत,
देते रहते लोग किस्मत को ही दोष।
हानि बीते तो लाभ के दिन आ जाये,
सुख दुख पहिये के दो पहलु बताये।।
सुख और दुख हैं दिन रात की भांति,
एक बीत जाये, दूजा चलकर आता।
किसी को दुख जीवनभर ही सताता,
किसी का भाग्य पल में बदल जाता।।
रात अंधेरी जब चलकर आती है तो,
कितने ही पाप जगत में होते रहते हैं।
दिन का उजाला जब चलके आता है,
उसको तो बस यूं सभी शुभ कहते हैं।।
किस्मत क्या होती है, नहीं पता चलता,
अच्छे दिन आते, किस्मत अच्छी कहाती।
बुरे दिन जब कभी लौटकर आ जाते हैं,
उस वक्त तो किस्मत बुरी बन जाती है।।