किस्मत का रोना क्यूँ रोयें
किस्मत का रोना क्यूँ रोयें
किस्मत का रोना क्यूँ रोयें,
प्रयत्न करें, और गतिमान रहें !
हालात से अपने, क्यों डरें,
कठिन हो राहें, पर चलते रहें !
यूँ हीं दिन और शाम ढ़ले,
हर हाल में हम सब साथ रहे !
धूप और छाँव आया करे,
पर अच्छी सुध-बुध बनी रहे !
वाणी कभी ना बाण बने,
समय भले अनुकूल ना रहे !
साथ अपनों का बना रहे,
गिरे और संभलें पर बढ़ते रहें !