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SHIVENDRA KISHORE

Abstract

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SHIVENDRA KISHORE

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कोरोना का कहर

कोरोना का कहर

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रूक तो रहा ही नहीं ये,

आँकड़े बढ़ते जा रहे ना।

कुछ तो समझ भी नहीं रहे,

कि ये तो कोरोना है ना।

शुरुआत में तो सब कुछ ,

सामान्य जैसा लगता है ना।

पर कुछ समय के पश्चात,

स्थिति बिगड़ने लगती है ना।

सरकार तो समझा रही है,

कि आपस में दूरी रखो ना।

पर कुछ ऐसा भी समझ रहे,

कि यूँ हीं मटरगश्ती करो ना।

नादानियाँ कुछ ऐसी भी हैं,

कि हमारे पास ये आयेगा ना।

गलतफहमी में यूँ जी रहे हैं,

कि उनकी जान बची रहेगी ना।

जब संख्या बढ़ती चली जायेगी,

तो तुम्हारा भी नंबर आयेगा ना।

मत भूलो कि शरीर नश्वर हीं है,

हश्र तो सबका एक ही है ना। 


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