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Abha Chauhan

Tragedy

4.7  

Abha Chauhan

Tragedy

खता किसकी ?

खता किसकी ?

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काम से थक कर लौट आए थे 

रूखी सूखी खाकर सोए थे

बिना कोई शिकायत करें

फुटपाथ के ऊपर थे वह पड़े


अपने परिवार के साथ

अनमोल समय बिता कर

लेटे हुए थे किनारे पर

अखबार वो बिछाकर


हल्की-हल्की नींद लग गई थी

मीठे सपनों में थे खोए

कुछ बिचारे निर्दोष मजदूर

फुटपाथ के किनारे थे सोए


अचानक एक बड़ी सी गाड़ी

जोर से कहीं टक्कर मारी

आज फिर एक बार

मौत जीती जिंदगी हारी


एक गाड़ी ने किनारे पर सोए

बहुत से मजदूरों को कुचल दिया

जिंदगी की शुरू करने से पहले 

उन्हें मौत का तोहफा दि

या


20 से 35 के बीच की उम्र रही

होगी सभी मरने वालों की

मंजर देख चीखें निकल उठी

रास्ते पर खड़ी दीवारों की


पास जमीन पर बैठा बच्चा

जोर-जोर से था रो रहा

खबर भी ना थी उसे कि 

उसने अपनी मां को खो दिया


यह दृश्य देखकर

दिल सबका दहल गया

काल सोचे बिना क्यों

निर्दोष का भोग ले लिया


कौन है दोषी इस गुनाह का

क्या किसी को है पता

इन विचारों के हत्यारों को

क्या मिलेगी सजा


किस-किस का नुकसान हुआ

किसी को कुछ नहीं पता

जो मारे गए इस घटना में

क्या थी उनकी खता?


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