किसी और को क्यों देखूँ
किसी और को क्यों देखूँ


किसी और को क्यों देखूँ
तुम्हें देखने के बाद
मक्खन सी तेरी काया
शहद सी टपकती आंखें
गुलाब की पंखुड़ियों से कोमल होंठ
कमल सा खिलता चेहरा
मोतियों सी मुस्कान
मोम सा पिघलता दिल
झरने से बहते बाल
नागिन सी बलखाती चाल
समुंदर से गहरा प्यार
किसी और को क्यो देखूँ
तुम्हें देखने के बाद।