किलकारी कैद है जहाँ
किलकारी कैद है जहाँ


अशांति के हालात में अब ढील दो ज़रा ,
गहरे हुए हैं घाव बहुत उन्हें सील दो ज़रा ।
हमने शिलाओं पर लिखे पैगाम शांति के ,
पत्थर बनें हम मील के वो मील दो ज़रा ।
ये ठीक है यूक्रेन को नाटो वबा लगी ,
इस संगठन की विश्व को तफ़्सील दो ज़रा ।
अमरीकियों का काम ही है मौत बेचना ,
उनके इसी व्यापार को भी छील दो ज़रा ।
चट्टान तो आरोप की दोनों तरफ खड़ी,
इनको गला दे आज ऐसी झील दो ज़रा ।
किलकारियां बारूद के कुहरे में कैद हैं ,
इंसानियत के फ़र्ज़ की तामील दो ज़रा ।
दीवार अब हिलने लगी सारे जहान की ,
इस तीसरे संग्राम के पद कील दो ज़रा ।
दीपावली के पर्व सा रोशन रहे जहां ,
उपहार में मिष्ठान मीठी खील दो ज़रा ।
चाहते हैं सब विश्व का माहौल ठीक हो ,
कैसा लगा बदलाव वो सबको बतला दो।