खयाल
खयाल
कुछ खयाल होते हैं
जो महकते रहते हैं
भीनी भीनी खुशबू में
यादों में बसते रहते हैं
कभी कभी चुपके से
हर बार सवाल करते हैं
कभी बेवजह वह
बवाल भी करते हैं
आहिस्ता आहिस्ता
कुछ कहते रहते हैं
जज्बातों में डूब कर
दिल ही दिल में बातें करते हैं
कुछ खयाल होते हैं
जो महकते रहते हैं
भीनी भीनी खुशबू में
यादों में बसते रहते हैं
कभी कभी चुपके से
हर बार सवाल करते हैं
कभी बेवजह वह
बवाल भी करते हैं
आहिस्ता आहिस्ता
कुछ कहते रहते हैं
जज्बातों में डूब कर
दिल ही दिल में बातें करते हैं