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Bhavna Thaker

Inspirational

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Bhavna Thaker

Inspirational

ख़्वाहिशों को ज़िंदा रखो

ख़्वाहिशों को ज़िंदा रखो

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माना की मानव के पास नहीं कोई चिराग जादू वाला

जो ख़्वाहिशों को पल भर में पूरी कर दे,

दो हाथों का हथियार दिया है उपर वाले ने

क्यूँ न ख़्वाहिशें खुद पूरी कर लें..


मन की संदूक में ख़्वाहिशों का मेला

हंमेशा सजाकर रखिए साहब एक पूरी हो तो दूसरी तैयार रखिए..

कहाँ ज़िंदगी माँ की तरह प्यार से परोस कर हर खुशियाँ देती है,

ख़्वाहिशों के दम पर ही इंसान को ढूँढनी होती है..


क्या बुरा है गर कर ली चंद ख़्वाहिशें,

मन के उज़डे बाग में ख़्वाहिशों की फ़सलों से ही लहलहाता मेला है..

माना की ख़्वाहिशों के टूटने पर दिल का आशियाना उज़ड जाता है,

पर ख़्वाहिशों के दम पर ही टिका उम्मीदों का जहाँ होता है..


ज़िंदगी की सच्चाई जानता है बखूबी मन का परिंदा तो वितरागी क्यूँ बने रहे,

अनुरागी बन ख़्वाहिशों में क्यूँ न आशाओं के रंग भरे..

विराट है आसमान मन के तरंगों का सोच की सीमा को मुखर करते ज़िंदा रखो,

बेवजह ख़्वाहिशों को मारकर मन की मिट्टी में दफ़न क्यूँ करें।


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