ख्वाब सच हुआ
ख्वाब सच हुआ
ठीक वैसी ही थीं वो
जैसी देखा ख्वाबों में
महक ऐसी ही उनकी
जैसी आती गुलाबों में
जुल्फें कनेर सी थीं घनी
आंखें कमल दल के सम
डूबकर उनमें गया मैं
भूला अपने सारे गम
उम्र पच्चीस की थी मेरी
वो अभी बस बीस की
यही चेहरा स्वप्न में था
हुस्न की तारीफ़ थी
अब वो मेरी हमकदम
हमनिवाला, हमराज हैं
सपने सारे सच हुए हैं
जिंदगी का मधुर साज हैं
ऐसे सपने सबके सच हों
आशिक की यही बात है
जिसका चेहरा दिल में हो
ऐसा हो, वही आपके साथ है।