"खूब जलाओ दीप "
"खूब जलाओ दीप "
विपदा आये जब कदा, करो उसे तुम पार
आगजनी चाहे घनी, कभी न मानो हार
कभी न मानो हार, लड़ो खास वो लड़ाई
फांद सभी दीवार, खूब चढ़ो अब चढ़ाई
बनो दीन की ढाल, हटे यह सब आपदा
खूब जलाओ दीप, कभी ना आएं विपदा।
