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Kanak Agarwal

Inspirational

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Kanak Agarwal

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खुशियां स्वतंत्रता की

खुशियां स्वतंत्रता की

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लो फिर आ गया

त्यौहार हमारी राष्ट्रीयता का..

मिलकर मनाएंगे हम

स्वतंत्रता की...

खुशियां...!!!


क्या सच में खुश हैं हम ?

क्या सच में स्वतंत्र है हम ?

गरीबी-भूख-बीमारी

लाचारी-बेचारगी

सब कुछ तो है आज भी..

हमारे साथ साथ चलती...

स्वतंत्र हो गए हैं हम

विदेशी ताकतों से...

पर क्या नहीं है गुलाम

देशी ताकतों के आज की..


ताकत पैसे की..

ताकत सत्ता की..

ताकत हवस की..

जो रौंदती है पैरों तले आबरू

गरीब बेबस लाचार की...


बचा सकेंगे जिस दिन हम

खुद को खुद के ही लालच से...

सही मायने में बनेंगे हम

नागरिक Free India के.....!!!


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