खुशियां बांटो
खुशियां बांटो
खुशियां बांटने से खुशियां बढ़ती है और दुख बांटने से दुख।
किसी को भी तकलीफ देने से पहले एक बार तो रूक।
लौट कर आएगा वापस एक दिन जो भी तुमने दिया है।
याद कर लो एक बार फिर से कि तुमने परेशान किसे किया है?
किसी का हक मार के कभी भूल जाना नहीं जनाब।
परमात्मा के पास लिखित है सारा,
पाई-पाई का होगा यहीं हिसाब।
कर्मों का खेल है सारा,
बांटोगे खुशियां पाओगे खुशियां।
बीत जाएगा दुख का वक्त भी यूं ही,
सत्कर्म करने वालों को उसकी संतुष्टि से ही मिलती है खुशियां।