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Gangotri Priyadarshini

Abstract Fantasy Inspirational

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Gangotri Priyadarshini

Abstract Fantasy Inspirational

खुशी की झलक हूं मैं

खुशी की झलक हूं मैं

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पंच्छी बनके 

उड़ती रहूं पंख फैला के 

मैं निले चमन में

हवा के संग बहके फिरूं

होकर मस्त मगन मैं।


नदियों की धार बनूं

खिल खिलाके

बहती जाउं दूर 

इसपार से उसपार मैं।


फूल फूल में बनके खुशबु

चहक जाऊं में

महक जाऊं हर दिशा मैं।


किलकारि बनूं 

मासूम होठों में

सुकुन बनके रहूं हर एक दिल में।


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