STORYMIRROR

राजेश "बनारसी बाबू"

Action Inspirational

4  

राजेश "बनारसी बाबू"

Action Inspirational

खुले चेहरे खुली किताब होते

खुले चेहरे खुली किताब होते

1 min
220

हाल ए बयां करते आज खुले चेहरे,

दिल के आईना होते खुले चेहरे,

खुले चेहरे खुले किताब होते हैं।

जो सब कुछ कह जाते हैं,

आंखों में बस जाते हैं,

मुश्किलें बयां कर जाते हैं खुले चेहरे,

खुले चेहरे खुली किताबें हो जाते हैं।


जब यह बिना बोले सब कह जाते हैं खुले चेहरे,

वास्तविकता से हटकर खुले चेहरे जो पढ़ लो।

दर्द ए दवा बयां कर जाते खुले चेहरे,

लफ्ज़ भी नहीं बयां कर पाते,

खुले चेहरे जो सब बोल जाते।


दिलों के तार होते यह हंसी चेहरे,

आंखें बयां कर जाती है दिल ए दास्तान

खुशी हो या दास्तान ए गम,

सब कुछ कह जाते यह खुले चेहरे।


जीत की बुनियाद लिख जाते यह खुले चेहरे,

दिशा की सही शुरुआत दे जाते

यह खुले चेहरे।

खुले चेहरे खुले किताब होते हैं,

इन्हीं से दिल के तार जुड़े होते हैं

यह हंसी चेहरे खुली किताब होते हैं।


चेहरे पर चेहरा को दो-चार करते

खुले चेहरे,

हाल ही मतलब को भी तार करते

यह हंसी चेहरे।

चिंता की लकीरें बयां करते

 यह खुले चेहरे,

खुशी ए हाल मतलब भी 

बयां करते खुले चेहरे।


मां की ममता को भी 

बयां करते हंसी चेहरे।

दुश्मन की क्रूरता को भी बयां

करते खुले चेहरे,

तभी सब सच कहा करते,

खुले चेहरे खुली किताब होते हैं,

यह हंसी चेहरे हंसी चेहरे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action