खुद को समझने....
खुद को समझने....
खुद को समझने की कोशिश मेरी बेकार हुई,
कभी खुद के बारे में सोचा नहीं
औरों को समझने में वक्त गुजर गया,
अपनी खुशी के बारे में ना सोचा कभी,
अपनो की खुशियों में ही जिंदगी गुजर गयी,
औरत होने की भी ये कैसी सजा मिली,
विरासत में ये ही सीख मिली कि पहले
अपनो के बारे में सोचो,
खुद को समझने की हमको फुर्सत ही कब मिली,
हर पल अपनो को समझने में ही जिंदगी गुजार दी,
वक्त रेत की भांति हाथों से यूं निकल गया,
जो कोई जीवन में साथी मिला वो भी दगा दे गया,
अब खुद को समझने से क्या होगा,
अब तो वक्त ही हमसे खफ़ा हो गया है,
कोशिश फिर भी हमने कर के देख ली,
लालच से भरा पड़ा हर इंसान है यहाँ,
पैसों के पीछे यूं भाग रहा सब कुछ भुला कर,
हम तो रिश्तों को प्यार को ही अपनी दौलत मानते है ।