खतरे में अस्तित्व
खतरे में अस्तित्व
ऐ इंसान! तूने खूबसूरत सी धरा को,
बदसूरत है कर डाला बेजुबां जानवरों
पर अत्याचार करने का,
मिला है यह नतीजा यह वहीं सृष्टि है
जहाँ साथ रहकर भी,
करते थे आपस में झगड़ा
आज देखो दूर रहकर भी,
हुआ है एकजुट संसार सारा
हर जीव में है आत्मा बसती,
कर रहा है यही कुदरत इशारा
सर झुका दे कुदरत के आगे,
लेना है तुझे अब उसका सहारा
देख ए इंसान अभी भी वक़्त है तेरे पास,
तू संभल जा जरा वरना और भी खतरे में,
पड़ सकता है अस्तित्व हमारा
जब तक न हो इसका समाधान,
बस घर में ही बैठे रहना इस तरह ही हमारे
अस्तित्व को, ख़ुद हमें बचना होगा।