खिलखिलाती हंसी
खिलखिलाती हंसी
अक्सर झूठ से भरी होती है
हंसी खिलखिलाती
कितनी बातों को छिपाती
अश्रुओं की धार पर मुस्कराती
अक्सर झूठी से भरा होता है
वह बेवजह का हास्य
एक तड़फ को नकारता
रुदन को छिपाता
अक्सर दर्द दिखाई देता है
खिलखिलाती हंसी में
एक बेतहाशा दर्द
जन्म दे देता झूठी हंसी को
अक्सर मासूमियत का अहसास कराती
खिलखिलाती हंसी मजबूरी होती है
विरोध न कर पाने का दंश झेलती
अपनी लाचारी पर रोती।
