STORYMIRROR

मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)

Romance

3  

मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)

Romance

ख़्वाहिश

ख़्वाहिश

1 min
389

दिल जैसे एक झील है

और दर्द हो मानो पानी, 

जो ठहर जाता है आकर

बेजान किनारों से अपनी

मोहब्बत निभाते हुए...


काश कभी ऐसा हो जाए

झील बन जाए इक दरिया,

मिट जाए यह मोहब्बत

दर्द भी हो जाए बेवफ़ा

और बह जाए दूर कहीं !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance