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मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)

Romance

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मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)

Romance

ख़्वाहिश

ख़्वाहिश

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दिल जैसे एक झील है

और दर्द हो मानो पानी, 

जो ठहर जाता है आकर

बेजान किनारों से अपनी

मोहब्बत निभाते हुए...


काश कभी ऐसा हो जाए

झील बन जाए इक दरिया,

मिट जाए यह मोहब्बत

दर्द भी हो जाए बेवफ़ा

और बह जाए दूर कहीं !


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