STORYMIRROR

Bhawana Raizada

Romance

5.0  

Bhawana Raizada

Romance

खफ़ा नहीं कुछ रूठी हूँ तुमसे

खफ़ा नहीं कुछ रूठी हूँ तुमसे

1 min
786


ख‌‌‌‌‌‌फ़ा नहीं कुछ रुठी हूँ तुमसे।

तुम्हारे पास वक़्त् नहीं,

मेरे हर पल है तुमसे,

खफ़ा नहीं कुछ रुठी हूँ तुमसे।


तुम देखो एक नज़र मुझे,

मेरी हर नज़र कहे तुमसे,

खफ़ा नहीं कुछ रुठी हूँ तुमसे।


अपनी मंज़िल का रास्ता दे दो मुझे,

मेरी ज़िन्दगी का हर सफर है तुमसे,

खफ़ा नहीं कुछ रुठी हूँ तुमसे।


इस तरह ग़ैरों की तरह न पेश आओ मुझसे,

मेरी हर नज़र कुछ कह रही है तुमसे,

खफ़ा नहीं कुछ रुठी हूँ तुमसे।


अपना हाथ एक बार बढ़ा कर तो देखो,

मेरे हाथों की लकीरें है तुमसे,

खफ़ा नहीं कुछ रुठी हूँ तुमसे।


अकेले नहीं कटता ये जिंदगी का सफर,

हमसफर की तलाश है सिर्फ तुमसे,

खफ़ा नहीं कुछ रूठी हूँ तुमसे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance