खेल खिलाडी
खेल खिलाडी
खेल में दो खिलाड़ी
तुम भी खिलाड़ी , हम भी खिलाड़ी
तुम भी दिग्गज , हम भी दिग्गज
तुम पढ़ते हो हमें खुली किताब के बिखरे पन्नो की तरह
हम देखते हैं तुम्हे शीशे में छवि की तरह
तुम समझते हो की तुम हम पे भारी हो
समझते हो हमें पूरी तरह , हमारे बिखरे हुए पन्ने पढ़ के
जो तुम ना जानो , की तुम लिख नहीं सकते अपना इतिहास ,
दूसरे खिलाडियों के बिखरे पन्ने पढ़ के
आ नहीं सकती बहार केवल बातों से
खिलाड़ी मैदान में खेल अपने चरित्र से खेलता है
न की केवल बिखरे पन्नो पर लिखे लेख पे
बिखरे पन्ने चरित्र ना बताए , और शीशे में छवि आत्मा ना बताए
तुम खेलते हो खेल , दर्शकों के हंगामें का साथ ले के
हम खेलते हैं खेल दर्शकों का हाथ साथ में ले के
पढ़ के हमारे बिखरे पन्ने तुम भेजते हो अपने अनाड़ी दर्शकों को हमारे कक्ष में
बजाने ढोल , जानने हमें , पहचाने हमें , भापने हमें , परखने हमें
और आते हैं उल्टे पैर तुम्हारे अनाड़ी तुम्हारे पास ,
बजाते अपना ढोल , बे सुर ताल में , ना राग में , ना आलाप में , ना होश में , ना हवास में
और सुनाते हैं , अपनी ही बदहाली के बेसुरे बोल , हमारी कहानी कह के
तुम भी सुनाते हो अपने अनाड़ीयों की बदहाली के बेसुरे बोल , हमारी कहानी समझ के
खा जाते हो तुम यहाँ मात , खिलाड़ी होते हुए भी
परख लेते हैं हम भी , तुम्हे यहाँ , खिलाड़ी होते हुए
हम भी खिलाड़ी , तुम भी खिलाड़ी
खेल हमारा तुम ना समझो , हम भी पहुँचते हैं दर्शकों तक तुम्हारे ही जरिये
देखते हैं , तुम्हारे ही दर्शक , हमारा ही खेल
पकड़ है हमें भी अपने खेल पे , खेलते हम भी तुम्हारे ही साथ तुम्हारा खेल
कॉमन्टेटर , खेल नहीं खेलते , वो केवल मैदान में , खेल खिलाड़ी पे , ऊँगल करते हैं
भेजते हो तुम अपने अनाड़ी दर्शकों को हमारे पास
दे कर उन्हे दो कौड़ी का लालच
बिक जाते हैं वो भी दो कौड़ी के लालच में
देते हो तुम उन्हे भी झांसा , न दे के उन्हे दो कौड़ी
और दे भी दो , तो न हज़म हुए उन्हे तुम्हारी दो कौड़ी
हालत बिगड़ जाती है उनकी , लालच में ली , तुम्हारी दो कौड़ी से
रह जाता है उनके हाथ में , दो जूते और हुक्के का पानी
प्रभवित करते हो तुम अपने अनाड़ीयों को
तुम्हारे अपने खोटे दिल से निकली , उनके लिए भविष्यवाणी से
कर लेते हो उनका मन मोह , अपने खोटे दिल से
आगे कैसे निकल पाओगे हमसे , जो तुम निर्भर हो केवल कबाड़ के अनाड़ीयों पे
खेल खिलाड़ीयों का है , अनाड़ियों का नहीं
अनाड़ि करते हैं बातें अनेक , बजाते हैं बीन अनेक
सुनाते हैं कहानियाँ अनेक , उनकी समज में पत्थर अनेक
उनके लालच में खोट अनेक
बिकने को तैयार अनेक
समझें अपने को तीस मार अनेक
पर कुछ करने को हो , तो नालायक अनेक
बिखरे हुए पन्नो से खिलाड़ी का अस्तित्व नहीं जाना जाता
शीशे में छवि से खिलाड़ी का व्यक्तित्व नहीं जाना जाता
हर कोई खिलाड़ी बन नहीं सकता ,
और अनाड़ि बनने में कुछ नहीं जाता
खेल , खिलाड़ीयों के साथ होता है
अनाड़ि तो केवल मनोरंजन का साधन होते हैं
जो ना समझे खिलाड़ी को , और ना उसके खेल को
जानते हैं वो केवल खेल के कुछ नियम को
पर ना जाने वो मैदान में हुए संघर्ष को , संकल्प को , दांव पेंच के संभव को
खेल तो खिलाड़ीयों का ही होता है , और खिलाड़ीयों से ही खेल होता है
हमारा खेल भी देखते हैं और भी अनेक खेलों के खिलाड़ी
तुम्हारे ज़रिये से पहुंचती हैं हमारे खेल की कई कड़ियँ
और खेल के खिलाड़ीयों तक , खेल के कमेंटेटरों के भी ज़रिये
और अनाड़ियों के भी ज़रिये
कर लीआ तुमने अपना प्रायश्चित समय के साथ
देख लीआ हमने तुम्हारा खेल समय के साथ
करदी भूल चूक भी माफ़ समय के साथ
लगाते हो तुम अनुमान हमारा , भेज के अपने अनाड़ि हमारे ड्रेसिंग रूम में
जो ना जानो तुम , हम खेलते हैं खेल अपने ही रंग में
ना की सिर्फ तुम्हारे अनुमान से
समझता है हर अनाड़ि अपने को खिलाड़ी
लेकिन होते हैं वो केवल , शाणे , ना काम के ना काज के
खिलाड़ीयों के हाथ में आकर केवल बजाने थाली
खिलाड़ी , डेविड की तरह निडर भी होता है
एंजेल की तरह सज्जन भी होता है
और नीले गगन. की तरह विशाल भी होता है
खेल में अंपायर भी डाइनेमो होता है
आयु सब की लगभग बराबर होती है
हौसले सब के बुलंद होते हैं
पर समझते हैं वो अपने को तीस मार खान
करते हैं अपनी शाणागिरी
जो बात ना जाने वो शाणे
खेल हमें भी खेलना आता है , खिलाड़ी हम भी हैं
दिमाग से हम भी खेलते हैं खेल
फर्क सिर्फ इतना है , हम अपने में ही रहते हैं
वो सब में घुसते हैं
शाणा जाए शाणागिरी से ही
होंगे भी कुछ कॉमन्टेटर , अपने खेल के खिलाड़ी , अपने समय में
पर अब हैं वो केवल दर्शक , अपनी बीन बजाने को
खेल मैदान में होता है , खिलाड़ी मैदान से होता है
शाणे , कॉमन्टेटर , और अनाड़ी दर्शक , खेल नहीं खेलते
केवल खेल का खिलवाड करते हैं
अपनी फ़ज़ीहत करते हैं
अपने ही आंगन में नाचते हैं
और खिलाड़ीयों को बदनाम करते हैं
लगते हैं वो गुप्त माइक , खिलाड़ीयों के आगे , पीछे
भेजते हैं अपने अनाड़ी , साऐ की तरह , खिलाड़ीयों के पीछे
सुनते हैं हर बात खिलाड़ीयों की , अपने अनाड़ीयों के जरिये
पढ़ते हैं , जले , फटे , पन्ने , खिलाड़ीयों के , अपना खेल समझ के
बनाते हैं अपने ही नियम , गाली गलोज से , खिलाड़ी को पसत करने के लिए
शाणे , कॉमन्टेटर , और अनाड़ी , ना बाज आए अपनी शाणागिरी से
बनाते रहते हैं वो अपने ही सुरों के पुलाव , अपने ही ख्यालौ में
शाणे , कॉमन्टेटर , अनाड़ी , खेल नहीं खेलते
वो खेल का खिलवाड़ करते हैं
बॉडी लाइन खेल नहीं , शाणों की पराजय की अहसास का नतीजा है
चमकते हुए सूरज को परास्त करने का प्रयास होता है
खेल को खिलाड़ी की तरह खेलने का नहीं
शाणे खिलाड़ी नहीं होते
वो केवल खिलाड़ी होने का ढोंग रचते हैं
वो अपने कौशल से नहीं खेलते , अपने छल से खेलना जानते हैं
बाउन्सर को हुक किया जाता है ,
बॉडी लाइन से मुँह तोड़ा जाता है
इसका फरक सिर्फ खिलाड़ी समझते हैं
शाणे सिर्फ मुँह की खाते हैं
खिलाड़ी हार जीत , बाउन्सर से भी करता है
शाणा बॉडी लाइन से सिर्फ हारता है
नाम खिलाड़ी का ही होता है , चाहे वो हारे या जीते
शाणे अपने नाम की सिर्फ तूती ही बजाते हैं , खिलाड़ी होने की
खेल के दांव पेच हर खिलाड़ी जानता है , उनसे वो अपने कौशल से खेलता है
वो उसे विराट बनाता है
परिस्थितियाँ कभी स्थिर नहीं होती
मैदान में खेल , एक दांव से नहीं खेला जाता
मैदान में खेल तो अनेक होते हैं
पर मूल भाव सबका एक ही होता है , विजय
खिलाड़ी खेल किस भाव से खेलता है ,
खेल की आस्था से , या बॉडी लाइन से
वही एक को खिलाड़ी बनाता है , और एक को खेल का शाणा
तुम जीत नहीं सकते , हम हार नहीं सकते , इस खेल के मैदान में
हार जीत खेल के मैदान में होती है
जीवन अनेक क्षणों से है , कोई एक क्षण जीवन नहीं है
खेल तो खिलाड़ीयों का ही होता है , और खिलाड़ीयों से ही खेल होता है
खिलाड़ी तो बहुत होते हैं खेल में
आते हैं वोही मैदान में , जिनके पास होता है दिव्या शक्ति का साथ
यूँ ही नहीं हर कोई बन जाता है खिलाड़ी , मैदान में आने के लिए
होती है कुछ में कोई बात, दिव्या शक्ति का होता है जो उनपे हाथ
खेल खिलाड़ी का होता है , और खिलाड़ी से ही खेल होता है
हम भी दिग्गज , तुम भी दिग्गज
खिलाड़ी अपने खेल का धूलनदर होता है
दोनों अपने , अपने , खेल में , मस्त मगन
जो ना जानो तुम हर खिलाड़ी एक अदाकार भी होता है
खेल के मैदान में हर दिग्गज के लिए , खिलाड़ी , एक कविता भी होता है
खेल खिलाड़ी का होता है
खेल , खिलाड़ियों का है , खिलाड़ी , खेल से है
