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नविता यादव

Drama

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नविता यादव

Drama

खेल खिलाड़ी का

खेल खिलाड़ी का

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खेल खिलाड़ियों का, मैदान में नज़र आया,

हमनें जब देखा, हमें भी बड़ा मज़ा आया।


चारों तरफ़ लोगों का हुजूम था,

बीच मैदान में खिलाड़ियों में बड़ा जुनून था।


सिक्का उछला, जीता टॉस किसी ने,

एक तरफ़ बल्ला घुमा,

दूसरी तरफ़ बॉल फेंकी किसी ने,

बॉल पर बॉल पड़ती रही,


कभी चौका, कभी छक्का,

कभी दो रन ,कभी ऑउट का

सिलसिला चलता रहा।


इन सब के विपरीत

दर्शकों में उत्साह मस्त था

तिरंगे का यूँ हवा में

लहराना जबरदस्त था।


कोई हारा-कोई जीता और कहीं

किसी ने अपने मुँह को भीचा।


पर चेहरे पे उनके मुस्कान थी,

आगे मैच में और अच्छा खेलने की चाहत थी।


खेल-खिलाड़ियों और मैदान से सीखा ये हमने

जिंदगी एक मैदान है और

खिलाड़ी हम भी कम नहीं है।


जिंदगी की जंग हो या फिर कोई तरंग हो

जीतेंगे हर बाज़ी, चाहें मुश्किल हर कदम हो।


ऑउट भी हो गए तो रोएंगे नहीं,

खेलेंगे नयी बारी, मिलेंगे यहीं।


चेहरे पर एक मुस्कान हमेशा पाओगे,

खेल खिलाड़ियों की तरह

हमें भी मैदान मे खड़ा पाओगे।


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